20 w - Translate

OVERSEAS PEHLI WAAR LAG RAHI APNI FILM
🍿 THEATRE LISTING❤️17 May

image

image

Amazing View of Assi Ghat Varanasi 🤗🔱🚩

image
20 w - Translate

Are you dreaming of starting your own cryptocurrency exchange platform? With our Wazrix Clone Script, you can make that dream a reality! 💼🔗 Our script offers a robust, scalable, and highly secure solution tailored to your business needs.

Why wait? Dive into the booming crypto market with a trusted, proven platform. Join the future of finance today! 🌐💰

For More Info >>> https://shorturl.at/VXtrJ

#cryptoexchange #wazrixclone #blockchain #cryptocurrency #cryptotrading #fintech #startyourownexchange #wazrixscript #cryptobusiness

image
20 w - Translate

अब फैसला आपको करना है। विकास विरोधियों को वोट देना है या देशभक्त उज्ज्वल निकम को?

image
20 w - Translate

एक ऐसा #सम्राट जिसके #पिता और #पुत्र दोनो महान हुऐ जब हम भारत के मौर्य वंश के सम्राटों बारे में बात करते हैं तो चंद्रगुप्त मौर्य, बिन्दुसार और सम्राट अशोक का नाम हमारे सामने सबसे पहले आता है, मौर्य साम्राज्य की स्थापना का श्रेय #चंद्रगुप्त मौर्य को जाता है। चंद्रगुप्त मौर्य के बेटे बिंदुसार मौर्य थे । हालांकि, जितने लोकप्रिय बिंदुसार के बेटे सम्राट अशोक हुए , बिन्दुसार खुद न हो सके। चंद्रगुप्त मौर्य के बाद बिंदुसार ने ही अपने पिता की जगह ली थी और सम्राट भी बने,यूनानी लेखकों ने उसे अमित्रोकेडीज कहा है। जिसका संस्कृत में रूपांतर अमित्रघात (शत्रुओं को नष्ट करने वाला) होता है। जैन ग्रंथ में बिंदुसार का जिक्र सिंहसेन के नाम से मिलता है।
इतिहास में बिंदुसार को 'महान पिता का पुत्र और महान पुत्र का पिता' भी कहा गया है। वह इसलिए कि वे अखण्ड भारत के निर्माता चंद्रगुप्त मौर्य के बेटे थे और। महान सम्राट अशोक के पिता थे •बिंदुसार ने अपने पिता द्वारा स्थापित किए गए साम्राज्य को अक्षुण्ण बनाये रखा टूटने नहीं दिया अखंड भारत को, बिन्दुसार मौर्य के शासन के दौरान तक्षशिला प्रांत में विद्रोह भड़क गया था, क्योंकि प्रांतीय अधिकारी वहा पर ज्यादा ही अत्याचार कर रहे थे। बिंदुसार का बड़ा बेटा #सुशीम इसे दबाने में नाकाम रहा तो बिंदुसार ने अशोक को भेजा।
• अशोक ने न केवल विद्रोह को ही दबाया, बल्कि वहां पूरी तरह से शांति भी स्थापित कर दी।
बिंदुसार के बारे में बताया जाता है कि बाहरी देशों से उन्होंने बहुत अच्छे संबंध बना रखे थे।
अच्छे संबंधों के कारण ही यूनान के राजा की ओर से राजदूत के रूप में डेइमेकस बिंदुसार के शासनकाल में उनके राज्य में थे। यही नहीं, मिस्र के राजा ने भी अपने राजदूत डायनीसियस को बिंदुसार के राज्य में भेज रखा था, ताकि दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध बना रहे।
• बिंदुसार ने पश्चिमी देशों के साथ व्यापारिक, सामाजिक और कूटनीतिक संबंध भी कायम रखे थे। बिंदुसार ने आजीवक धर्म को अपनाया था।
वहीं, बिंदुसार के बेटे अशोक ने बौद्ध धर्म को स्वीकारा था।
पाली भाषा के ग्रंथ महा वंश के मुताबिक बिंदुसार ने 27 वर्षों तक राज किया था।
वैसे, #बिंदुसार की मृत्यु 273 ईसा पूर्व में ही बताई जाती है।
जितने आक्रामक अन्य मौर्य शासक हुए, उनकी तुलना में बिंदुसार को बहुत ही कम आक्रामक देखा गया है।
तारानाथ का मानना है दक्षिण भारत पर विजय बिंदुसार ने पाई थी। उसने करीब 16 राज्यो को नष्ट करके पूर्वी और पश्चिमी समुद्रों के बीच के हिस्से पर साम्राज्य का विस्तार किया था • राज्य विस्तार करने में सम्राट अशोक का उल्लेख #कलिंग विजय मे ही मिलता है । ऐसे में इस संभावना को बल मिलता है कि दक्षिण पर विजय पाने में बिंदुसार की भूमिका थी

image

image
20 w - Translate

ਮੋਦੀ ਦੀ ਗਰੰਟੀਆਂ ਦਾ ਮਿਲਿਆ ਪਟਿਆਲਾ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਲਾਭ!
#paitialadabharosapreneetkaur

image
20 w - Translate

परसों रात प्यारे दोस्त और छोटे भाई डॉ. स्तिंदर
सरताज ने अपनी हालिया फ़िल्म 'शायर' देखने के लिये न्यौता दिया! वे
शायर, संगीतकार और गायक के तौर पर जितने मक़बूल हैं, अभिनेता
भी उससे कम नहीं हैं। उनके बहाने बहुत दिन बाद कोई पंजाबी फ़िल्म
देखी। ख़ुब मज़ा आया।
एक अल्हड़ से लड़के का मुहब्बत में ड्बना, समाज की रवायतों की
वजह से इश्क्र में शिकस्त खाना, फिर उसी दर्द की पूंजी से मुक़रम्मल
शायर हो जाना - यह इस फ़िल्म की थीम है। जैसे वाल्मीकि क्रौंच पक्षी
का विरह देरख उसी व्याकुल क्षण में संसार के पहले कवि हुए थे, वैसे ही
इस फ़िल्म का नायक अपनी प्रेमिका के बिछोह में शायर हो उठा है।
कुछ-कुछ हिंदी के छायावाद जैसा भाव कि - वियोगी होगा पहला
कवि, आह से उपजा होगा गान। निकलकर आँखों से चुपचाप, बही
होगी कविता अनजान या फिर कवि नागार्जून का मेघदूत के सर्जक
कालिदास पर संदेह करना कि - 'कालिदास सच-सच बतलाना, रोया
यक्ष कि तुम रोए थे? सार यही कि भोगे हुए दुख के बिना कोई कायदे
का शायर नहीं हो सकता। फ़िल्म की ही भाषा में कहे तो 'शायर बणदा
नहीं, हौन्दा है!"
आज की तेज़ भागती हुई ज़िंदगी में पौने तीन घंटे की फ़िल्म बनाना,
वह भी 'शायर' जैसे गैर-बाज़ारू विषय पर - यह हिम्मत की बात है।
उस पर भी फ़िल्म का अंत में ट्रैजिक बिंदु को छूना - भारतीय मिज़ाज
के हिसाब से यह तलवार की धार पर चलने जैसा था। हैरत और खुशी
की बात है कि इन सारे ख़तरों के बावजूद यह फ़िल्म चार हफ्तों से
बुलंदी के साथ टिकी है!
बधाई हो, सरताज भाई! ऐसे ही झंडे गाड़ते रहो❤️❤️

image

image