2020 की यह तस्वीर आपको याद है कि भूल गए ?

जो लोग मोदी को तानाशाह कहते हैं उन्हें यह तस्वीर जरूर देखनी चाहिए

यह सज्जन कोई अपराधी नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश में एक सरकारी अस्पताल में डॉ थे

इनका नाम डॉक्टर सुधाकर राव है इन्होंने 1 महीने पहले आंध्र प्रदेश सरकार की नाकामियों को उजागर किया था जिसमें पीपीई किट मास्क इत्यादि की खरीदी में भ्रष्टाचार की बात थी क्योंकि उनकी क्वालिटी बेहद खराब थी

आज इन्हें पुलिस इस तरह से मारते हुए कपड़े फाड़ कर घसीटते हुए ले गई और डॉक्टर सुधाकर राव दलित है

अगर यही घटना किसी बीजेपी शासित राज्य में होती तो सोचिए क्या होता

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आम आदमी पार्टी का विधायक अमानुल्लाह खान सरकारी जमीन पर 3000 से ज्यादा रोहिंग्याओं को न सिर्फ बसा दिया बल्कि उन्हें उसने सभी सरकारी दस्तावेज भी मुहैया करवा दिए

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मुस्लिम भगवा वस्त्र पहन कर हिन्दुत्त्व को बदनाम करते हुए

बांग्लादेशी मुसलमानों से घिरता उत्तराखंड 🐷

इस तस्वीर से एक बात साफ़ है।

जीवन में कभी अहंकार मत करना की आप बहुत बड़े आदमी बन गये हो।

१. स्वाति मालीवाल ने अपने स्वर्गीय पिता पर गंभीर आरोप लगाए।

२. स्वाति मालीवाल ने अपने पति नवीन जय हिन्द को छोड़ दिया।

और जिन लोगो के लिए ये सब स्वाति कर रही थी आज उन्हीं लोगो ने स्वाति मालीवाल की क्या हालात कर दी है।

नंद नगरी में इंडी गठबंधन के सांसद प्रत्याशी कन्हैया कुमार को और उनके समर्थकों को इलाक़े के लोगो ने धक्के मार कर बाहर भगाया।

टुकड़े टुकड़े गैंग मुर्दाबाद के नारे,हुई धक्का मुक्की।

ब्राह्मण होने का दंभ भरने वाला बहुरूपिया भगवान परशुराम के फ़ोटो को हाथ तक नहीं लगाई । इन दोनों क्रिप्टो क्रिश्चियन भाई बहनों को ब्राह्मण समाज अमेठी क्या पूरे देश में वोट नहीं करेगा

Big Breaking 🚨 टाइम्स नाउ के अनुसार.....

स्वाति मालीवाल ने पुलिस शिकायत में आरोप लगाया है कि केजरीवाल के पीए बिभव कुमार ने उनके चेहरे पर 5-6 बार थप्पड़ मारे।

"केजरीवाल के पीए ने स्वाति मालीवाल के सीने, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर भी वार किया"

"सीएम केजरीवाल उस समय घर में मौजूद थे और उन्हें हमले के बारे में पता था" - स्वाति मालीवाल ने पुलिस शिकायत दर्ज कराई 🔥

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जवाहरलाल नेहरु ने अपनी पत्नी के साथ जो किया वो इतना भयावह था कि जान कर आप नेहरु से नफरत करने लगेंगे..

टीवी चैनल्स पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के द्वारा अक्सर ये आरोप लगाते हुए सुना जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया।

लेकिन क्या आप को यह पता है जवाहरलाल नेहरु ने अपनी पत्नी के साथ क्या किया?

जवाहरलाल नेहरु की पत्नी कमला नेहरु को टीबी रोग हो गया था... उस जमाने में टीबी की दहशत ठीक ऐसा ही थी जैसे आज एड्स की है... क्योंकि तब टीबी का इलाज नहीं था और इन्सान तिल तिल... तड़प तड़प कर पूरी तरह गलकर हड्डी का ढाँचा बनकर मरता था… और कोई भी टीबी मरीज के पास भी नहीं जाता था क्योंकि टीबी साँस से फैलती थी… लोग मरीजों को पहाड़ी इलाके में बने टीबी सेनिटोरियम में भर्ती कर देते थे...

नेहरु ने अपनी पत्नी को युगोस्लाविया [आज चेक रिपब्लिक] के प्राग शहर में दूसरे इन्सान के साथ सेनिटोरियम में भर्ती कर दिया...

कमला नेहरु पूरे दस सालों तक अकेले टीबी सेनिटोरियम में पल पल मौत का इंतजार करती रही... लेकिन नेहरु दिल्ली में एडविना बेंटन के साथ इश्क करते रहे... सबसे शर्मनाक बात तो ये है कि इस दौरान नेहरु कई बार ब्रिटेन गये लेकिन एक बार भी उन्होंने प्राग जाकर अपनी धर्मपत्नी का हालचाल नहीं लिया...

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को जब पता चला तब वो प्राग गये... और डाक्टरों से और अच्छे इलाज के बारे में बातचीत की... प्राग के डाक्टरों ने बोला कि स्विट्जरलैंड के बुसान शहर में एक आधुनिक टीबी हास्पिटल है जहाँ इनका अच्छा इलाज हो सकता है...

तुरंत ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने उस जमाने में 70 हजार रूपये इकट्ठे किये और उन्हें विमान से स्विटजरलैंड के बुसान शहर में हास्पिटल में भर्ती किया...

लेकिन कमला नेहरु असल में मन से बेहद टूट चुकी थीं... उन्हें इस बात का दुःख था कि उनका पति उनके पास पिछले दस सालों से एक बार भी हालचाल लेने तक नहीं आया और गैर लोग उनकी देखभाल कर रहे हैं... दो महीनों तक बुसान में भर्ती रहने के बाद 28 फरवरी 1936 को बुसान में ही कमला नेहरु की मौत हो गयी...

उनके मौत के दस दिन पहले ही नेताजी सुभाषचन्द्र ने नेहरु को तार भेजकर तुरंत बुसान आने को कहा था... लेकिन नेहरु नहीं आये... फिर नेहरु को उनकी पत्नी की मौत की खबर भेजी गयी... फिर भी नेहरु अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में भी नहीं आये...

अंत में स्विटजरलैंड के बुसान शहर में ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने नेहरु की पत्नी कमला नेहरु का अंतिम संस्कार करवाया। जिस व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ ऐसा व्यवहार किया उसे हम चाचा नेहरू कहते हैं।

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जर्मनी में मुसलमानों का आतंक देख लीजिए !

पहले दया की भीख मांगकर जर्मनी में शरण ली।

अब जर्मन पुलिस पर ही हमला कर रहे हैं।

आज पूरा यूरोप इन घुसपैठियों से परेशान हैं।

हर जगह चोरी, लूट, हत्या, दंगा, आतंक यही इन घुसपैठियों का पेशा है।