Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
Small Business Debt Relief Programs
Small Business Debt Relief Programs offer targeted financial assistance to help businesses tackle debt burdens effectively. Owners should consult financ Cash Out Home Refinancing.
https://unitedfn.com/business-debt.php
वीकेंड में, मैं समझता हूं अब गर्मियों भर तथा सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में खैरना और खैरना के ऊपर की तरफ़ रहने वाले लोग जिसमे रानीखेत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़,बागेश्वर सभी एरिया आते हैं वो सबके सब दया के पात्र हैं। श्रद्धा और सैलानीयत का ऐंसा अद्भुत मंजर हल्द्वानी से लेकर कैंची धाम तक जिसमें रास्ते के सभी धाम भीमताल, भवाली आदि सम्मिलित है तो देखने को जो मिला वो अच्छा भी लगा लेकिन चिंता भी हुई क्योंकि आगे के जितने भी क्षेत्र है यदि ट्रैफिक जाम की यही स्तिथि बनी रही तो उनकी अर्थव्यवस्था पर इसका दुष्परिणाम अल्पकालिक के साथ दीर्घकालिक दुष्परिणाम भी पड़ने निश्चित है। समाधान वैकल्पिक मार्ग कोई एक नही दो दो वैकल्पिक मार्गों के निर्माण पर अभी से #राज्य_सरकार को काम करना चाहिए, यदि अभी से वैकल्पिक मार्गों के निर्माण पर काम नही किया गया तो अगले तीन-चार वर्षों में स्तिथि और भी विकट हो जायेगी। अभी तो हफ्ते में दो-तीन दिन का मामला है आगे प्रत्येक दिन यही हालात रह सकते है।
Pushkar Singh Dhami Indian National Congress Uttarakhand
वीकेंड में, मैं समझता हूं अब गर्मियों भर तथा सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में खैरना और खैरना के ऊपर की तरफ़ रहने वाले लोग जिसमे रानीखेत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़,बागेश्वर सभी एरिया आते हैं वो सबके सब दया के पात्र हैं। श्रद्धा और सैलानीयत का ऐंसा अद्भुत मंजर हल्द्वानी से लेकर कैंची धाम तक जिसमें रास्ते के सभी धाम भीमताल, भवाली आदि सम्मिलित है तो देखने को जो मिला वो अच्छा भी लगा लेकिन चिंता भी हुई क्योंकि आगे के जितने भी क्षेत्र है यदि ट्रैफिक जाम की यही स्तिथि बनी रही तो उनकी अर्थव्यवस्था पर इसका दुष्परिणाम अल्पकालिक के साथ दीर्घकालिक दुष्परिणाम भी पड़ने निश्चित है। समाधान वैकल्पिक मार्ग कोई एक नही दो दो वैकल्पिक मार्गों के निर्माण पर अभी से #राज्य_सरकार को काम करना चाहिए, यदि अभी से वैकल्पिक मार्गों के निर्माण पर काम नही किया गया तो अगले तीन-चार वर्षों में स्तिथि और भी विकट हो जायेगी। अभी तो हफ्ते में दो-तीन दिन का मामला है आगे प्रत्येक दिन यही हालात रह सकते है।
Pushkar Singh Dhami Indian National Congress Uttarakhand
वीकेंड में, मैं समझता हूं अब गर्मियों भर तथा सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में खैरना और खैरना के ऊपर की तरफ़ रहने वाले लोग जिसमे रानीखेत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़,बागेश्वर सभी एरिया आते हैं वो सबके सब दया के पात्र हैं। श्रद्धा और सैलानीयत का ऐंसा अद्भुत मंजर हल्द्वानी से लेकर कैंची धाम तक जिसमें रास्ते के सभी धाम भीमताल, भवाली आदि सम्मिलित है तो देखने को जो मिला वो अच्छा भी लगा लेकिन चिंता भी हुई क्योंकि आगे के जितने भी क्षेत्र है यदि ट्रैफिक जाम की यही स्तिथि बनी रही तो उनकी अर्थव्यवस्था पर इसका दुष्परिणाम अल्पकालिक के साथ दीर्घकालिक दुष्परिणाम भी पड़ने निश्चित है। समाधान वैकल्पिक मार्ग कोई एक नही दो दो वैकल्पिक मार्गों के निर्माण पर अभी से #राज्य_सरकार को काम करना चाहिए, यदि अभी से वैकल्पिक मार्गों के निर्माण पर काम नही किया गया तो अगले तीन-चार वर्षों में स्तिथि और भी विकट हो जायेगी। अभी तो हफ्ते में दो-तीन दिन का मामला है आगे प्रत्येक दिन यही हालात रह सकते है।
Pushkar Singh Dhami Indian National Congress Uttarakhand
उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार करने के लिए खूंखार आतंकियों का सहारा लिया।
मुंबई पुलिस ने इस इब्राहिम मूसा को 1993 के बॉम्ब ब्लास्ट के लिए अरेस्ट किया था। उस समय पुलिस के सामने इसमें सारी सच्चाई बता दी थी।
इसका गुनाह था की, इसके घर पर जब पुलिस ने रेड की थी तब वहां पुलिस को एक डायरी मिली थी जिसमे संजय दत्त और अनिस इब्राहिम के नाम और फोन नंबर दर्ज थे। तब मुंबई के पुलिस ने एमटीएनएल की फोन डायरेक्टरी चेक की थी उसमे इन दोनों के पर्सनल नंबर डायरी के नंबर से मैच हो गए। इसको पुलिस ने सबूत के तौर पर पेश किया था।
1992 के दंगो के बात संजय दत्त काफी डर गया था उसने अपनी पर्सनल सूरक्षा के लिए दाऊद से Ak 47 मांगी थी। लेकिन दाऊद ने उसे AK 47 के साथ AK 56 और कुछ हैंड ग्रेनेड भेज दिए।
और वे इसी इब्राहिम मूसा के हाथो भेजे थे जो इस फोटो में दिख रहा है यह इब्राहिम मूसा आज उद्धव ठाकरे की पार्टी का चुनाव प्रचार कर रहा है।
हथियार संजय दत्त के घर पहुँचाते समय यह मूसा और उसके अन्य साथी इतना डर गए थे के उन्होंने गाड़ी की सामने वाली सीट पर एक बी ग्रेड हिरोइन को बिठाया था और हथियारों का पार्सल संजय दत्त के घर पहुंचाया गया।
इतना बड़ा पार्सल देखकर संजय दत्त डर गया। उसने दाउद से बात की और कहा कि भाई मुझे तो बस एक ही चाहिए थी। तो दाऊद ने संजू बाबा से कहा "तेरे लिए एक है, बाकी सब मेरा एक आदमी लेकर जाएगा" फिर दूसरे दिन अबू सलेम वह पार्सल लेकर गया।
संजू के घर पार्सल लेकर जो गए थे वे कौन थे?
1. इब्राहिम (बाबा) मूसा: कार का मालिक
2. हनीफ कड़ावला: तवा होटल बांद्रा
3. समीर हिंगोरा: मैग्नम कैसेट्स का मालिक
ये लोग अब उद्धव ठाकरे की निशानी मशाल के लिए प्रचार कर रहे है!!