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महत्वपूर्ण यह नहीं है कि इन तीन फिल्मों ने कितना कलेक्शन किया बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि 3 वर्ष में इन तीन फिल्मों ने हिंदूओ की तीन पीढ़ी को जगाने का काम किया है,
दादा दादी, बेटा बहु और पोता पोती, पिछले 70 सालों में जितने भ्रम जाल बुनकर हिंदुओं की आंखों में पर्दे लगाए गए थे इन तीन फिल्मों ने 70 साल से लगाए गए पर्दों को हटाने का काम किया है इसलिए यह तीन फिल्म हमारे लिए आकलन के लिए सिर्फ कलेक्शन वाली नहीं बल्कि समाज जागरण में ऐतिहासिक भूमिका निभाने वाली फिल्म साबित हुई है।