मैं सभी से पंजाब को बचाने की अपील करता हूं: सुखबीर बादल
#sukhbirbadal #shiromaniakalidal #punjab #statement
Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
मैं सभी से पंजाब को बचाने की अपील करता हूं: सुखबीर बादल
#sukhbirbadal #shiromaniakalidal #punjab #statement
फीस के पैसे नहीं थे तो स्कूल जाना कर दिया बंद, घर ढूंढकर खुद आए प्रिंसिपल और कही ऐसी बात फफक पड़ी छात्रा, दिल छू रहा Viral Video
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक दिल छू लेने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने लाखों लोगों की आंखें नम कर दी हैं। वीडियो एक ऐसी किशोरी की कहानी बताता है जो सिर्फ 500 रुपये फीस न भर पाने की वजह से 15 दिन से स्कूल नहीं जा रही थी।
परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी और बच्ची को डर था कि स्कूल जा पाना शायद अब संभव नहीं होगा। लेकिन आगे जो हुआ, उसने इंसानियत और शिक्षा के असली अर्थ को सामने ला दिया।
खेत में काम कर रही थी बच्ची
वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल के प्रिंसिपल बच्ची की गैरहाजिरी से चिंतित हो जाते हैं। वे पहले उसके घर जाते हैं, लेकिन पता चलता है कि वह खेत में परिवार की मदद कर रही है, क्योंकि घर में और कोई विकल्प नहीं था। प्रिंसिपल बिना झिझक खेत की ओर बढ़ जाते हैं। वहां मिट्टी से सनी छात्रा को देखकर वे उसे बुलाते हैं और पूछते हैं कि वह स्कूल क्यों नहीं आ रही।
बच्ची हिचकिचाते हुए बताती है कि घर में पैसे नहीं थे, इसलिए स्कूल की फीस जमा नहीं कर पाई, और इसी शर्म में वह स्कूल नहीं जा रही थी। यह सुनते ही प्रिंसिपल उसे तुरंत आश्वासन देते हैं कि फीस न होने पर भी उसकी पढ़ाई नहीं रुकेगी। वे कहते हैं - फीस की ही बात है न फीस नहीं लेंगे।
यह सुनते ही बच्ची भावुक होकर रोने लगती है। प्रिंसिपल उसे दिलासा देते हैं और कहते हैं कि वह अगले दिन से स्कूल जरूर आए। इस पूरे दृश्य ने न केवल बच्ची का दिल जीत लिया बल्कि इंटरनेट पर भी लोगों के मन को गहराई से छू लिया।
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने प्रिंसिपल की जमकर सराहना की। एक यूजर ने लिखा, “शिक्षक वही जो अपने छात्र को सिर्फ पाठ्यक्रम ही नहीं, बल्कि जीवन भी पढ़ाए।” दूसरे ने कहा, “यदि हर स्कूल में ऐसे प्रिंसिपल हों, तो कोई बच्चा गरीबी के कारण पढ़ाई से वंचित न रहे।”
#students #teacher
दीपावली यूनेस्को की इस सूची में शामिल, भारतीय त्योहार को मिला खास दर्जादिल्लीः भारत का रोशनी का पर्व दीपावली अब आधिकारिक रूप से यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में शामिल हो गया है। यह घोषणा 2025 की सूची के साथ की गई, जिसमें दुनिया भर की 20 सांस्कृतिक धरोहरों को स्थान मिला है।यूनेस्को यह सूची दुनिया की उन जीवित परंपराओं, सामाजिक प्रथाओं, त्योहारों, लोककला और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को सुरक्षित रखने के लिए तैयार करता है, जो पीढ़ियों से समाजों की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा रही हैं। दीपावली के अलावा, बांग्लादेश की तांगाइल साड़ी बुनाई कला को भी इस वर्ष की सूची में जगह मिली है।