Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
एक रिपोर्टर ने क्रिस्टियानो रोनाल्डो से पूछा: "क्रिस्टियानो, आपकी माँ अब भी आपके साथ क्यों रहती हैं? क्यों न आप उनके लिए एक घर बनवाते?"
क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने उत्तर दिया: "मेरी माँ ने अपने जीवन की कुर्बानी देकर मुझे पाला है। वह भूखी सोती थीं ताकि मैं रात को खा सकूं। हमारे पास बिलकुल पैसे नहीं थे। उन्होंने 7 दिन काम किया और शाम को क्लीनर के रूप में काम किया ताकि मेरे लिए पहला फुटबॉल उपकरण खरीद सकें और मैं खिलाड़ी बन सकूं। मेरी पूरी सफलता उन्हें समर्पित है। और जब तक मैं जीवित हूँ, वह हमेशा मेरे साथ रहेंगी और उनके लिए मैं सब कुछ करूँगा जो कर सकता हूँ। वह मेरा आश्रय और सबसे बड़ा उपहार हैं।"
*ये फोटो चीनी सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रहा है, चीनी मीडिया में चल रही चर्चाओ के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने चीन-भारत सीमा के विवादित क्षेत्र में से 90,000 वर्ग किलोमीटर अपनी भूमि भारत को सौंपी है, जो कि 2.5 ताइवान द्वीप और लगभग 3 हैनान द्वीप के बराबर बताई जा रही है। चीनी सरकार इस जानकारी को सक्रिय रूप से सेंसर कर रही है।*
*चीनी समाचार के कार्टून में भी यही दर्शाया गया है ।*
*क्यों चमचों आ गया स्वाद ले लिया मजा अब तो ! और छेड़ो मोदी को , अब वह दिन भी दूर नहीं जब अक्साई चीन भी भारत वापस लेगा जो तुम्हारे चचा ने थाली में परोस कर चीन को दे दिया था । ये मोदी का भारत है ।*
🚩 *!! भारत माता की जय !!*🚩
आज की कहानी : मकान मालिक के दो कुत्ते...!?
एक गांव में एक किसान रहता था।
उसके पास "दो-बैल" और "दो-कुत्ते" थे।
एक बार उसे किसी बेहद जरूरी काम के लिए गांव से बाहर जाना था किंतु उसकी समस्या यह थी कि खेत जोतने का भी समय हो गया था...!
तब किसान ने उस समस्या का समाधान निकाला, उसने अपने बैलों और कुत्तों को बुलाकर कहा कि,
"मैं कुछ दिनों के लिए गांव से बाहर जा रहा हूं,
मेरे लौटने तक तुम लोग सारे खेत जोतकर रखना ताकि लौटने पर खेतों में बीज बो सकूं...!"
बैलों और कुत्तों ने स्वीकृति में सिर हिलाया।
किसान चला गया और बैलों ने किसान के कहे अनुसार खेत जोतना शुरू कर दिया, लेकिन कुत्ते आवारागर्दी करते हुए पूरे गाँव में घूम-घूम कर समय बिताते रहे।
बैलों ने किसान के लौटने से पहले पूरा खेत जोत दिया।
जब कुत्तों ने देखा कि खेतों की जुताई हो गई है और मालिक के लौटने का समय हो गया है
तब कुत्तों ने बैलों से कहा कि तुम दोनों इतने दिनों से खेत जोत रहे हो और काफी थक गए हो इसलिए घर जाकर आराम करो और हम लोग खेतों की रखवाली करेंगे।
कुत्तों की बात मानकर दोनों बैल घर चले गए और आराम करने लगे।
इधर कुत्तों ने सारे खेतों में दौड़-दौड़ करके अपने पैरों के निशान बना दिए, और खेत के किनारे बैठकर किसान का इंतजार करने लगे।
थोड़ी देर में किसान भी वापस गांव आ गया और सीधा खेतों पर पहुंचा तो देखा ...दोनों कुत्ते वहां पर बैठे हैं, खेतों की जुताई भी हो गई है, परंतु बैल कहीं नजर नहीं आ रहे हैं...!
किसान ने कुत्तों से पूछा कि, "बैल कहां हैं ?"
कुत्तों ने कहा, "मालिक! आप जबसे गए हैं, तभी से हम लोग खेत जोत रहे हैं और अभी काम पूरा करके आपका इंतजार कर रहे हैं। जबकि, बैल घर से बाहर निकलकर खेतों की ओर झांकने भी नहीं आए, वह घर पर ही आराम से सो रहे हैं।"
मालिक ने खेतों में जाकर देखा तो उसे हर तरफ कुत्तों के पैरों के निशान मिले, वह कुत्तों के उपर बहुत प्रसन्न हुआ और कुत्तों के साथ घर लौटा तो देखा कि बैल घर के बाहर बैठे हुए आराम कर रहे थे।
किसान बैलों के उपर बहुत क्रोधित हुआ और बैलों को रस्सी से बांध कर उनकी पिटाई कर दी।
कुत्तों को खाने के लिए दूध रोटी और मांस के टुकड़े दिए और बैलों को खाने के लिए सुखा हुआ भूसा दिया।
इतिहास के जानकार बताते हैं कि,
यह जो
महात्मा गांधी रोड,
नेहरू युनिवर्सिटी,
इंदिरा एयरपोर्ट और ऐसे अनेकों जगह नेहरू और गांधी का नाम देखते हो ये कुछ वैसे ही कुत्तों के पैरों के निशान हैं और वे आजादी के बाद से ही दूध मलाई खा रहे हैं।
जबकि रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, लाला लाजपत राय, वीर सावरकर, महारानी अवंतीबाई लोधी, सुभाष चन्द्र बोस, रामप्रसाद बिस्मिल, भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, खुदीराम बोस...!
जैसे "सात लाख बहत्तर हजार असली सेनानियों"
के परिवार को रुखी-सूखी घास ही मिली है।
जरा खुद सोचिये जिस नेहरू को अध्य्क्ष बनाने के लिए उनकी ही पार्टी में किसी ने एक वोट तक नही दी थी उसे देश का प्रधानमंत्री बन दिया था..
नेहरू की जगह अगर देश की कमान सरदार पटेल या फिर सुभाष चंद्र बोस के हाथों में होती तो आज हमारा देश एक अखंड भारत होता और दुनिया मे अलग ही हमारा नाम होता..
ऐसा ही हाल गांधी जी का भी था..
दुनिया का अगर सब से बड़ा चापलूस अगर कोई था वो हमारे गांधी जी ही थे...
कभी फुर्सत में आपको पूरा बताएंगे..
बस यही है स्वाधीनता संग्राम में गांधी-नेहरू का योगदान।
सहमत हैं तो शेयर करने में कंजूसी मत करना और हमारे पेज को फॉलो करना मत भूलना..
आपका अपना मित्र..❤️
कर्णम मल्लेश्वरी भारत की पहली महिला वेटलिफ्टर हैं, जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीतकर इतिहास रचा। उनका जन्म 1 जून 1975 को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। मल्लेश्वरी ने कठिन मेहनत और संघर्ष के बल पर खुद को वेटलिफ्टिंग में स्थापित किया और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
2000 के सिडनी ओलंपिक में मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता, जो किसी भारतीय महिला का पहला ओलंपिक पदक था। उन्होंने 69 किग्रा वर्ग में 110 किग्रा स्नैच और 130 किग्रा क्लीन एंड जर्क का वजन उठाकर यह उपलब्धि हासिल की। उनकी इस सफलता ने न केवल भारतीय खेल जगत में एक नई क्रांति लाई, बल्कि देश की युवा महिलाओं को भी खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
मल्लेश्वरी को उनकी उपलब्धियों के लिए "राजीव गांधी खेल रत्न" और "पद्म श्री" जैसे सम्मान भी प्राप्त हुए हैं। उनकी कहानी संघर्ष, समर्पण, और भारतीय महिलाओं के लिए एक मिसाल है, जो यह दिखाती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
नगर निगम के अधिकारियों के साथ अस्सी, नगवा व सामनेघाट पर छठ पूजन के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
अस्सी घाट पर मां गंगा का जल उतरने के कारण बने दलदल पर पटरे डालने के व घाट पर जमा मिट्टी को और समतल करने के निर्देश दिए। सामनेघाट पर बनी कैनोपी को पूरी तरह से बंद कर, दो और चेंजिंग रूम बनाने के लिए कहा। अन्य आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
छठ पूजन को लेकर यदि आपके मन में कोई सुझाव / शिकायत हो तो मेरे व्हाट्सएप नंबर 9795350000 पर भेजिए।
छठ पूजन करने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो यह हम सभी जनसेवकों का परम दायित्व है और इसे हम पूरे मनोयोग से निभाएंगे।
छठी मईया की जय...