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परसाई जी 😅

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परसाई जी 😅

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*सरकार जवाब दे*
*इन उच्च जातियों में ऊँचा क्या है? ये संविधान जवाब दे !!!*
प्रश्न ये है कि ब्राह्मणों, क्षत्रियों, वैश्य, आदि को किस आधार पर ऊँची जाती वाला बोल कर सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। आज के दौर में ऐसा क्या है कि इन जाति में जो ऊँचा है, सरकारों को ये भी खुलासा करना चाहिए। जबकि ये जातियां अल्पसंख्यक होते जा रहे हैं, अगर *पाठ पूजा* करना, *पंचांग* पढ़ना, *हवन* करवाना (उनके पौराणिक व्यवसाय के कारण), *देश और समाज की सुरक्षा* करने, उनके सम्मान और अस्मिता की रक्षा करने मे *अपनी जान न्यौछावर करना*, देश समाज की *आर्थिक ढांचे को सुचारू रूप* से चलने और व्यवसाय करने को सवर्ण जाति कहा जाता है, तो मैं बताना चाहता हूँ कि आजकल मंदिर के पुरोहित मंदिर कमेटी के आधीन नौकरी करते हैं, जिन्हें बहुत ही अल्प वेतन पर रखा जाता है और मंदिर-कमेटी के सदस्यों के दबाव में रहना पड़ता है। सेना और पुलिस आदि में सभी जाति वर्ग के भर्ती होते हैं, व्यापार भी अब सभी वर्ग और जाति द्वारा किया जाता है,कई पुजारिओं पर अब तो गाली भी पड़ने लगी हैं , फिर किस प्रकार इन को उच्च बोल कर सरकारी नौकरी में / सरकारी स्कूल में / सरकारी स्कीमों में किसी प्रकार की *छूट* नहीं दी जाती।
इन की नई पीढ़ी जिन्हें किसी परीक्षा या इंटरव्यू में कोई रियायत नहीं मिलती, क्षमता होते हुए भी अपने से कम क्षमता वाले का चयन होते देखकर, वे आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं । क्या इस सविंधान ने मुगलों के जुल्म सहने का इनाम, मुग़लों से युद्ध लड़कर देश के लिए पूरे परिवार का शहीद होना, फिर मुगलों द्वारा जब ब्राह्मणों और क्षत्रियों को *काटा* जाता था, वैश्यों को लुटा जाता था, वेद पुराण, ग्रंथों को *जलाया* जाता था, तो ब्राह्मण ही था जिसे वेद पुराण *कंठस्थ* थे और वो जुल्म सहन करता हुआ भी छुप छुप कर अपने बच्चों को *मंत्र -* *हवन - क्रियाकर्म* की *विधि - मुंडन की विधि* - *गृह प्रवेश*, भूमि पूजन आदि सिखाता रहता था ताकि अपने देश की संस्कृति *जिन्दा* रह सके। वो क्षत्रिय होता था जो वन वन भटक भटक कर अपने बच्चे को घांस की रोटी खिला खिला कर देश की रक्षा का पाठ पढ़ाता था, ताकि इस देश की रक्षा हो सके और वह *हिन्दू धर्म* को बचा सके।गुरु साहिब के मासूम पुत्रो को चुनाया जाता था, उनके शहीद स्थल को खरीदने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करके, अपने लिए कोई संतान ना उत्पन्न करके अपना वंश समाप्त करने का काम भी व्यवसाई वैश्य ने ही किया था। ऐसे प्रयासों से इन ने हिन्दू धर्म को बचा लिया जबकि एक हजार वर्ष मुग़लों और 200 वर्षों अंग्रेज़ों के *जुल्म* के बावजूद भारतियों को *हिन्दू* बनाये रखा और आज उन्ही जातियों का *अपमान* हो रहा है।
हम कोई विशेष सम्मान नहीं चाहते, परन्तु कम से कम *सरकारी* स्कीमों या *निजी* कार्य में बराबरी तो मिले, ये कैसी उच्च जाति व्यवस्था है कि उच्च बोल कर हमें प्रताड़ित किया जा रहा रहा है !!!
*सरकारें केवल इतना जवाब दे ब्राह्मण / क्षत्रिय / वैश्यों में ऊँचा क्या है और इसका आधार क्या है ???*
इस व्यवस्था ने हमें मजबूर कर दिया है कि हम इन समाज को एकजुट करें और इस व्यवस्था को खत्म करें।
कृपया इस पोस्ट को हर स्वर्ण *10 स्वर्णो* भाइयों तक जरूर पहुंचायें !🙏🙏धन्यवाद 🙏🙏

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लालू यादव के कहे अनुसार चल कर ही नीतीश - भाजपा ठगबंधन को दी जा सकती है बिहार में पटखनी ...
क्षेत्रवार / सीटवार रणनीति बना कर नीतीश - भाजपा गंठजोड़ को घेरा जा सकता है / पटखनी दी जा सकती है , बिहार में ऐसी घेराबंदी की रूपरेखा लालू यादव ही तैयार कर सकते / बना सकते हैं क्यूँकि बिहार की राजनीति में लालू जी ही एकमात्र ऐसी शख्सियत हैं , जो प्रखंड - ब्लॉक स्तर तक की जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं और लालू जी के अलावा विपक्ष के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं है जिसका जमीनी स्तर पर सक्रिय लोगों , राजनीतिक कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद अभी भी कायम है ..
मुद्दों को मतों में तब्दील कराने का माद्दा भी लालू जी के ही पास है .... अगर विपक्ष ( महागठबंधन ) आसन्न लड़ाई में अपनी जीत को लेकर गंभीर है तो कंडीशंस अप्लाई बस एक ही होगी " अपने - अपने एजेंडों को दरकिनार कर लालू यादव के मुताबिक चलना होगा महागठबंधन के तमाम दलों के साथ - साथ विपक्ष के हरेक दल के नेतृत्वकर्ताओं को " ...
तमाम भाजपा विरोधी खेमों की लालू जी से बेहतर लामबंदी कोई और कर भी नहीं सकता , पूर्व में इसे लालू जी ने साबित कर दिखाया भी है .. वैसे भी आज भी लालू जी जैसी मॉस - अपील किसी भी अन्य नेता की नहीं है और भाजपा - एनडीए विरोधी जनता - कार्यकर्त्ता - मतदाता का जैसा भरोसा लालू जी पर है वैसा किसी और पर नहीं है..

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IIT Graduate Nitesh Kumar Wins Gold at Paris Paralympics!
Nitesh Kumar, an IIT graduate and an exceptional para-badminton athlete, has done it again! Securing the gold medal in men's para badminton at the Paris Paralympics 2024, Nitesh has proven that hard work, determination, and resilience can lead to incredible achievements.
From excelling in academics to conquering the sports arena, Nitesh's journey is nothing short of inspiring. His win is not just a personal victory but a proud moment for all of India.
Congratulations, Nitesh! You've set the bar high and inspired millions. May your journey continue to motivate us all!
#parisparalympics2024

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