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महज दो वर्ष में यूट्यूब पर ब्लागिंग की दुनिया का बड़ा नाम बन चुका है प्रियंका योगी तिवारी ब्लाग, घर-घर में छाई पहाड़ की विलुप्तप्राय हो चुकी कुमाऊनी एवं गढ़वाली सभ्यता आज अगर पुनजीर्वित हो रही है तो इसका सबसे बड़ा श्रेय राज्य के उन युवाओं को भी जाता है जो पहाड़ से अपने ब्लॉग के माध्यम से यहां की संस्कृति को संजोए हुए हैं। जहां राज्य के हजारों युवा रोजगार के लिए बड़े बड़े शहरों एवं दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं वहीं कुछ युवा ऐसे भी हैं जो आज यूट्यूब के माध्यम से नो केवल अपना भविष्य संवारने में जुटे हुए हैं बल्कि पहाड़ के रीति रिवाजों, सभ्यता एवं संस्कृति को सहेजने के साथ ही उन्हें देश विदेश तक पहुंचाने का काम भी कर रहें हैं। आज हम आपको राज्य की एक ऐसी ही बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जो यूट्यूब पर ब्लागर बनकर खूब छाई हुई है और साथ ही पहाड़ की संस्कृति एवं सभ्यता के साथ ही यहां की परम्पराओं एवं रीती रिवाजों को लोगों तक भी पहुंचा रही है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले की रहने वाली। प्रियंका योगी तिवारी फर्स्वाण की, जिन्होंने बहुत कम समय में अपने हुनर, कड़ी मेहनत एवं लगन के बलबूते आज वह समूचे उत्तराखण्ड में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है।
महज दो वर्ष में यूट्यूब पर ब्लागिंग की दुनिया का बड़ा नाम बन चुका है प्रियंका योगी तिवारी ब्लाग, घर-घर में छाई पहाड़ की विलुप्तप्राय हो चुकी कुमाऊनी एवं गढ़वाली सभ्यता आज अगर पुनजीर्वित हो रही है तो इसका सबसे बड़ा श्रेय राज्य के उन युवाओं को भी जाता है जो पहाड़ से अपने ब्लॉग के माध्यम से यहां की संस्कृति को संजोए हुए हैं। जहां राज्य के हजारों युवा रोजगार के लिए बड़े बड़े शहरों एवं दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं वहीं कुछ युवा ऐसे भी हैं जो आज यूट्यूब के माध्यम से नो केवल अपना भविष्य संवारने में जुटे हुए हैं बल्कि पहाड़ के रीति रिवाजों, सभ्यता एवं संस्कृति को सहेजने के साथ ही उन्हें देश विदेश तक पहुंचाने का काम भी कर रहें हैं। आज हम आपको राज्य की एक ऐसी ही बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जो यूट्यूब पर ब्लागर बनकर खूब छाई हुई है और साथ ही पहाड़ की संस्कृति एवं सभ्यता के साथ ही यहां की परम्पराओं एवं रीती रिवाजों को लोगों तक भी पहुंचा रही है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले की रहने वाली। प्रियंका योगी तिवारी फर्स्वाण की, जिन्होंने बहुत कम समय में अपने हुनर, कड़ी मेहनत एवं लगन के बलबूते आज वह समूचे उत्तराखण्ड में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है।
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