Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
Ganguly Awesome 👏 सौरव गांगुली की लव स्टोरी है पूरी बॉलीवुड की फ़िल्म, एक ही लड़की से दो बार करनी पड़ गई शादी ,देखिए तस्वीरे….
जिस तरह सौरव गांगुली बतौर कप्तान दिलेरी के लिए जाने गए। उसी तरह उनकी लाइफ भी रही है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उन्होंने अपने बचपन की दोस्त को अपना हमसफर बनाने का फैसला किया था, लेकिन घर वाले इसके पक्ष में नहीं थे। इतना ही नहीं, सौरव गांगुली की ये लव स्टोरी इतनी फिल्मी है कि केवल उनके निजी जीवन पर एक मसालेदार फिल्म बन सकती है, क्योंकि सच्चे प्यार के लिए गांगुली ने हर मुश्किल कदम उठाया था।
दरअसल, सौरव गांगुली आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उनके जन्मदिन के खास मौके पर हम आपको उनके प्यार की कहानी के बारे में बताएंगे। जी हां, सौरव गांगुली को अपनी पड़ोसन डोना रॉय बचपन से ही पसंद थीं। सौरव और डोना रॉय कब बचपन के दोस्त से एकदूसरे के प्यार में पड़ गए, खुद दोनों को इस बात का पता नहीं है, लेकिन अक्सर पड़ोसियों के बीच होने वाली लड़ाई के कारण इन दोनों को भी अपने लव लाइफ में अड़चनें झेलनी पड़ी थीं।
गांगुली और डोना के परिवारों में काफी अच्छे संबंध थे। यहां तक दोनों परिवार एक-साथ बिजनेस में भी शामिल थे, लेकिन किसी बात को लेकर दोनों परिवारों में अनबन हो गई। इस बीच सौरव गांगुली और डोना रॉय का प्यार पनप रहा था। परिवार के लाख झगड़ों के बावजूद उन्होंने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा और लंबे संघर्ष के बाद इन्होंने प्यार की जंग जीती, लेकिन सौरव गांगुली और डोना रॉय को एक बार नहीं, बल्कि दो बार शादी करनी पड़ी। आइए जानें कैसे हुआ था दोनों को प्यार.
'प्रिंस ऑफ कोलकाता' के नाम से फेमस पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पड़ोस में रहने वाली डोना के साथ बचपन में खेलते थे। प्यार के खेल में कूदे गांगुली इश्क की नैया में सवार हो गए और डोना से मिलने के लिए अक्सर छिप-छिपकर उनके स्कूल भी जाया करते थे। सौरव गांगुली सेंट जेवियर स्कूल में पढ़ते थे, जबकि डोना लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा थीं। स्कूल जाने के बहाने ही गांगुली और डोना एक-दूसरे से मिलते रहे।
गांगुली और डोना के परिवार अलग-अलग समुदाय से थे। ऐसे में डोना को डांस पसंद था, लेकिन गांगुली के परिवार वाले डोना रॉय को बतौर डांसर पसंद नहीं करते थे, लेकिन गांगुली अक्सर डोना की डांस परफॉर्मेंस देखने के लिए जाया करते थे। इसके अलावा डोना भी सौरव गांगुली के मैच देखने जाती थीं। कई सालों तक ये चलता रहा, लेकिन परिवार वाले शादी के लिए राजी नहीं हुए। ऐसे में सौरव गांगुली और डोना रॉय ने एक अहम कदम उठाया।
इंग्लैंड से वापस लौटने पर सौरव गांगुली ने अपने समय के बंगाल के दिग्गज क्रिकेटर और दोस्त मौली बनर्जी से अपने दिल का हाल बताया और मौली ने भी दोनों की कोर्ट मैरिज कराने का फैसला किया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद गांगुली का नाम और भी फेमस हो गया था। ऐसे में जब वे डोना के साथ शादी के लिए कोर्ट पहुंचे तो मीडियाकर्मी भी पहुंच गए। ऐसे में दोनों को वहां से वापस जाना पड़ा।
कोर्ट परिसर से आने के बाद मौली ने मैरिज रजिस्ट्रार श्याम सुंदर गुप्ता को अपने घर बुलाया और दोनों की कोर्ट मैरिज करवाई। इस दौरान सौरव गांगुली 23 साल के थे और डोना रॉय 20 साल की थीं। उनकी यह शादी 12 अगस्त 1996 को हुई, लेकिन इस बारे में परिवार को कुछ पता नहीं चला, क्योंकि दोनों ही परिवार के लोग इसके लिए पहले से राजी नहीं थे, लेकिन कुछ दिन के बाद ये राज खुल गया था।
सौरव गांगुली ने टीम इंडिया के साथ श्रीलंका के दौरे पर जाने से महज 2 दिन पहले बयान दिया कि उन्हें और डोना को मीडियाकर्मी परेशान ना करें। इस बयान के बाद दोनों की शादी की बात का खुलासा हो गया, जिससे उनके परिवार वाले फिर से नाराज हो गए। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में थोड़ा बहुत नाम कमाने के बाद सौरव और डोना ने एक बार फिर से अपने-अपने घरवालों को मनाने की कोशिश की और आखिरकार परिवार धूमधाम से दोनों की शादी कराने के लिए राजी हो गई।
इस दौरान हुई गांगुली और डोना शादी भव्य तरीके से आयोजित की गई, लेकिन डोना और सौरव की दूसरी शादी थी। इस बार मीडियावालों ने भी सौरव और डोना की लव स्टोरी को तस्वीरों के साथ छापा और किसी को कोई एतराज नहीं रहा।
अच्छा लगे तो लाइक करने जाना और 2 शब्द आपकी तरफ़ से।
पद्म भूषण, 'युग तुलसी' पंडित रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आज लखनऊ में आयोजित भावांजलि कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
पूज्य रामकिंकर जी महाराज का संपूर्ण जीवन सनातन धर्म के मूल्यों, प्रभु श्री राम के आदर्शों और मर्यादाओं के लिए समर्पित रहा।
इस विशिष्ट आयोजन के प्रति हार्दिक शुभकामनाएं!
पद्म भूषण, 'युग तुलसी' पंडित रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आज लखनऊ में आयोजित भावांजलि कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
पूज्य रामकिंकर जी महाराज का संपूर्ण जीवन सनातन धर्म के मूल्यों, प्रभु श्री राम के आदर्शों और मर्यादाओं के लिए समर्पित रहा।
इस विशिष्ट आयोजन के प्रति हार्दिक शुभकामनाएं!
पद्म भूषण, 'युग तुलसी' पंडित रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आज लखनऊ में आयोजित भावांजलि कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
पूज्य रामकिंकर जी महाराज का संपूर्ण जीवन सनातन धर्म के मूल्यों, प्रभु श्री राम के आदर्शों और मर्यादाओं के लिए समर्पित रहा।
इस विशिष्ट आयोजन के प्रति हार्दिक शुभकामनाएं!
भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा को अपने शौर्य और कर्तव्यनिष्ठा से सुदृढ़ करने वाले ITBP के वीर जवानों और उनके परिजनों को 'भारत तिब्बत सीमा पुलिस' के स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!
ITBP के जवानों ने कठिन परिस्थितियों में भी अडिग रहकर राष्ट्र की रक्षा में जो साहस दिखाया है, वह हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।
जय हिंद!