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झारखंड के रांची में दलितों आदिवासियों को अस्पतालो में ईलाज कराने की भी आजादी नही है।
झारखंड के रांची एक मामला ऐसा भी जहां एक महिला बच्चे को जन्म देने वाली है प्रसव पीड़ा से परेशान महिला हॉस्पिटल गई लेकिन हॉस्पिटल वालों ने ईलाज करने से मना कर दिया तो महिला हॉस्पिटल के बाहर ही सड़क पर लेट गई और परिवार वालों ने सड़क पर ही normal delivery की। सोचिए आज के दौर में जहां हम भूख से मर रहे हैं वहीं इलाज न होने से भी मर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी हमारे देश को किस दिशा में ले जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के एटा से एक अजीब ही मामला सामने आया है😃
एटा की एक महिला अपनी बेटी के गलत व्यवहार की वजह से उससे तंग आ चुकी थी तो उसने अपनी बेटी को जान से मरवाने का सोचा,
लड़की की मां ने एक व्यक्ति को 50 हज़ार में सुपारी दे दी, वह व्यक्ति लड़की के पास गया तो
उस लड़की ने उस व्यक्ति से कहा कि यदि तुम मेरी मां को मार दो तो मैं तुमसे शादी कर लूंगी फिर क्या था
लड़का गया और उसकी मां को मार आया।
अब वो व्यक्ति और वो लड़की दोनों ही पुलिस कस्टडी में हैं।
इन कारणों से माँ लक्ष्मी घर से दूर चली जाती हैं
● मंदिर से आने के बाद तुरंत पैर धोना।
● अपने हिस्से का प्रसाद किसी और को दे देना।
● खाने के बाद थाली में हाथ धुलना।
● झूठे हाथों से पैसों को छूना।
● सूर्यास्त के बाद उधार लेना और देना।
● सूर्यास्त के बाद श्रृंगार करना।
● अमावस्या और एकादशी के दिन बाल कटवाना।
● हमेशा दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके सोना।
● रात के समय जूठे बर्तनों को रख देना और सुबह धोना।
● उत्तर दिशा में कूड़ा या बेकार का सामान रखना।
● चूल्हे पर खाली और झूठे बर्तन रखकर छोड़ देना।
● सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू-पोंछा लगाना।
● सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोना।
● बिस्तर पर बैठकर भोजन करना।
● गृह लक्ष्मी यानि कि घर की महिलाओं या बाहर कहीं भी महिलाओं का अनादर करना