image
5 w - Translate

अफसाना खान ने राखी के मौके पर भाई मुसेवाला को किया याद

image

image

image

image

image

image

image

image
5 w - Translate

🌹 🌷 ।। श्री ।। 🌷 🌹
जय सियाराम सुमंगल सुप्रभात प्रणाम बन्धु मित्रों। राम राम जी।
श्रीरामचरितमानस नित्य पाठ पोस्ट ४२८, बालकाण्ड दोहा ९६/५-८, पार्वती जी मैना जी को समझा रही है।
जननिहि बिकल बिलोकि भवानी।
बोली जुत बिबेक मृदु बानी।
अस बिचारि सोचहि मति माता।।
सो न टरइ जो रचइ बिधाता।।
करम लिखा जौं बाउर नाहू।
तौ कत दोसु लगाइअ काहू।।
तुम्ह सन मिटहिं कि बिधि के अंका।
मातु व्यर्थ जनि लेहु कलंका।।
भावार्थ:- पार्वती माता मैना जी को विकल देखकर विवेक युक्त कोमल वाणी में बोली - हे माता जो विधाता रच देते, वह टलता नही; ऐसा विचार कर तुम सोच मत करों।
जो मेरे भाग्य में बावला ही पति लिखा है तो किसी को क्यों दोष लगाया जाय ? हे माता ! क्या विधाता के अंक तुमसे मिट सकते हैं? वृथा कलंक का टीका मत लो।
🌹🙏🏽🌷🙏🏽🌷🙏🏽🌹

image