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बलिदान और देशप्रेम की ऐसी कहानी,
होनी चाहिए हर बच्चे की जुबानी...
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान के खिलाफ स्वतंत्र भारत का पहला राष्ट्रवादी आंदोलन छेड़ा और देश की एकता और अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
#harghartiranga
एक ही जज्बात, एक ही आवाज
हर मन तिरंगा, हर घर तिरंगा
प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi के आह्वान पर #harghartiranga अभियान के अंतर्गत भाजपा नेताओं ने अपने घरों पर तिरंगा लहरा कर देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले राष्ट्रनायकों को याद किया।
पेरिस ओलिम्पिक में शूटिंग में दो कांस्य पदक विजेता मनु भाकर एक कोल्ड ड्रिंक के विज्ञापन में बता रही है कि ये कांस्य पदक उन्हें अमुक कोल्ड ड्रिंक पीने की वजह से मिला है।
मनु दरअसल एक हद तक सही बोल रही है।
फर्क इतना है कि ये पदक उन्हें किसी एकलव्य का अंगूठा कटवाने के बाद मिला है ।
इस एकलव्य का नाम है चिंकी यादव जो मध्यप्रदेश के अत्यंत साधारण परिवार से संबंध रखती है ।
इस कहानी की शुरुआत 2019 से होती है जब चिंकी यादव ने दोहा में शूटिंग स्वर्ण पदक जीतकर टोक्यो ओलिम्पिक के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया था ।
शूटिंग में दो बार की विश्व विजेता ये लड़की मध्य्प्रदेश की पहली विश्वविजेता खिलाड़ी थी ।
उस समय चिंकी की 25 मीटर पिस्टल वर्ग में वर्ल्ड रैंकिंग 1st थी ।
2021 में दिल्ली में हुए शूटिंग के विश्वकप के 25 मीटर व्यक्तिगत पिस्टल स्पर्धा में चिंकी पहले स्थान पर रही थी जबकि मनु भाकर तीसरे स्थान पर । दूसरा स्थान सरनोबत को मिला था ।
इस कामयाबी ने चिंकी के टोक्यो ओलिम्पिक में भाग लेने के दावे पर अंतिम मुहर लगा दी ।
लेकिन चिंकी के भाग्य में दूसरा नरसिंह यादव होना लिखा था ।
कुश्ती की तरह शूटिंग में भी हावी दिल्ली- हरियाणा लॉबी ने चिंकी यादव को टोक्यो ओलिम्पिक में भेजने से मना कर दिया । उसकी जगह पर सरनोबत और मनु भाकर को भेजा गया ।
मनु भाकर 2022 के टोक्यो ओलिम्पिक में 15 वे स्थान पर रही थी । तब शायद उन्हें कोला पीने को नही मिला होगा।
इस घटना के बाद देश की नंबर एक निशानेबाज लड़की डिप्रेशन में चली गई ।
जिस देश मे खेलो का सबसे बड़ा पुरस्कार ही उसके एकलव्यों के सपनों के हत्यारे के नाम पर हो उस देश मे ऐसी घटनाएं बहुत सामान्य होती है।
मनोज रैदास कबीर