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Mohanlal Honoured with Dadasaheb Phalke Award 2023 at 71st National Film Awards
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इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा है कि भारत दुनिया में चल रहे युद्धों और संघर्षों को सुलझाने में बहुत अहम भूमिका निभा सकता है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण किरदार अदा कर सकता है।' बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की पीएम मेलोनी के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने विश्व और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की थी, खासकर यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को जल्द और शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया था। पीएम मोदी ने इस दिशा में भारत के पूर्ण समर्थन का भरोसा दिलाया।
यह पोस्ट केवल एक याद नहीं, बल्कि उस इंसान को श्रद्धांजलि है जिसने अपनी पूरी ज़िंदगी सिनेमा और कला के नाम कर दी। पापा जी ने अपने जीवन का हर पल इस सोच के साथ जिया कि दर्शकों तक कुछ ऐसा पहुंचे जिससे उन्हें खुशी, सीख और प्रेरणा मिले। सिनेमा उनके लिए सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि उनका जुनून, उनकी पहचान और उनकी आत्मा था।
आज उनकी पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें याद कर रहे हैं। वह सिर्फ एक कलाकार नहीं थे, बल्कि अपने चाहने वालों के दिलों में बसने वाले इंसान थे। उन्होंने हमें यह सिखाया कि असली कामयाबी वही है, जो जाने के बाद भी लोगों की यादों में जिंदा रहे। उनकी मेहनत, उनका संघर्ष और उनका समर्पण आज भी प्रेरणा देता है।
पापा जी की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती, लेकिन उनकी बनाई हुई पहचान और उनका काम हमेशा अमर रहेगा। उनके चाहने वालों के लिए यह दिन सिर्फ दुख का नहीं, बल्कि उनकी यादों को सलाम करने का भी है।
कॉमेडी के बादशाह असरानी जी ने अपनी अदाकारी और बेहतरीन टाइमिंग से दशकों तक दर्शकों को हँसाया और मनोरंजन किया है। उन्होंने भारतीय सिनेमा को अनगिनत यादगार किरदार दिए, जो आज भी लोगों की जुबां पर हैं। लेकिन उम्र केवल एक संख्या है, और इसका सबसे बड़ा सबूत असरानी जी ने 84 साल की उम्र में पेश किया है। उन्होंने Doctor of Arts की डिग्री हासिल कर यह दिखा दिया कि सीखने और आगे बढ़ने की कोई उम्र नहीं होती।
यह उपलब्धि केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि हम सबके लिए प्रेरणा है। जहां लोग इस उम्र में आराम और सुकून चुनते हैं, वहीं असरानी जी ने मेहनत और लगन से एक नई पहचान बनाई। यह साबित करता है कि असली कलाकार कभी रुकते नहीं, बल्कि हर पल कुछ नया सीखते और करते रहते हैं।
अफसोस की बात यह है कि इतनी बड़ी उपलब्धि पर अभी तक किसी ने उन्हें बधाई तक नहीं दी। यह हमारा फ़र्ज़ बनता है कि हम असरानी जी को सम्मान और शुभकामनाएँ दें। उनका यह कदम हर युवा और बुजुर्ग के लिए प्रेरणा है कि सपनों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती।
देश में युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, और आज हम बात कर रहे हैं जाह्नवी पंवार की—जो सिर्फ 21 साल की उम्र में इतिहास रचने में कामयाब रही हैं। उन्होंने IT दिल्ली में PhD प्रोग्राम में प्रवेश लेकर यह साबित कर दिया कि अगर लगन, मेहनत और दृढ़ संकल्प हो तो उम्र सिर्फ एक संख्या भर है।
जाह्नवी की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और दोस्तों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा भी है। इतनी कम उम्र में उच्च शिक्षा के इस स्तर तक पहुँचना और शोध के क्षेत्र में अपना कदम रखना आसान नहीं है। यह वह मिसाल है जो हर युवा को यह सिखाती है कि सपनों को छोटा मत समझो और अपनी मेहनत में विश्वास रखो।
फिर भी, इस महान उपलब्धि को उचित सराहना नहीं मिली। सोशल मीडिया पर या आस-पास के लोगों ने उन्हें बधाई देने में कंजूसी दिखाई। लेकिन असली प्रेरणा वह होती है जो बिना शोर-शराबे के कामयाबी हासिल करती है।
बे. ਅ. D/B के मामलों से जुड़ी बड़ी खबर!
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