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जोगेश्वरी पूर्व मुंबई में इस्माईल कॉलेज के पास लगभग आज के बाजार भाव के मूल्य के अनुसार 1200 करोड रुपए की जमीन है जो महाराष्ट्र सरकार की थी
महाराष्ट्र सरकार यहां पर सरकारी निर्माण कार्य करने के लिए जब पैमाइश के लिए अधिकारियों को भेजा तब वक्फ बोर्ड वाले आए और बोले यह जमीन वक्फ बोर्ड की हो चुकी है
यह देखकर सरकारी अधिकारी भी चौंक गए की जो जमीन सरकार की थी वह अचानक वह वक्फ बोर्ड की कैसे हो गई ??
इतना ही नहीं अगल-बगल के तमाम बिल्डिंग वाले फ्लैट वाले बंगले वाले भी अब चिंता में हैं कि कहीं वक्फ बोर्ड वालों ने हमारे मकानों को भी तो अपने नाम नहीं कर लिया है
दरअसल 1985 में कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को ऐसी ताकत दे दिया है कि वक्फ बोर्ड को आपकी मकान जमीन जायदाद कब्जा करने के लिए कुछ नहीं करना होता है
उसे बस रजिस्टार को एक पत्र लिखना होता है कि फलाना जमीन हमारी है आप इसकी भविष्य में रजिस्ट्री नहीं करेंगे
और इस कानून में यह भी प्रावधान है कि वक्फ बोर्ड को यह साबित नहीं करना पड़ता कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है बल्कि सामने वाले को यह साबित करना पड़ता है यह जमीन हमारी है
और इसमें भी एक पेंच कांग्रेस सरकार ने यह डाला है कि किसी भी न्यायालय का फैसला मान्य नहीं होगा बल्कि वक्फ बोर्ड का अंतिम फैसला मान्य होगा
दरअसल कांग्रेस ने भारत के हिंदुओं को मुसलमान बनाने के लिए यह साजिश रची थी
चूंकि वक्फ बोर्ड की संपत्ति में सिर्फ मुसलमान रह सकता है तो यदि आपकी संपत्ति आपका मकान वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर लिया तो आप अपने करोड़ों रुपए की मकान और संपत्ति बचाने के लिए मुसलमान बन जाएंगे
यही सोचकर कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड को यह अंतहीन बेशुमार ताकत दिया था