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ख्वाहिशें : –
क्या होती है ख्वाहिशें,ये चाहिए वो चाहिए....
क्या वास्तव में हमें वो सब चाहिए जिनकी ख्वाइश करते है हम...
क्या सच में हमें उसकी जरूरत है,या फिर हम अपने आस पास वालो को दिखाना चाहते है...!!
गौर कीजियेगा..
की हमारी आधी से ज्यादा ख्वाहिशें हमारा अहंकार होता है जो हम दुनिया को दिखाना चाहते है,....
सोचिए इस दुनिया में केवल आप होते तो क्या इतनी ख्वाहिशें होती,इसलिए ख्वाहिशों के पीछे पागल मत बनिए,जरूरत को पकड़ के सुकून की तलाश कीजिए....
और फिर देखिएगा यह दुनिया कितनी खूबसूरत है..!!
" संघर्ष से ही जीवन है "
बिना संघर्ष के आप अपने जीवन को निखार नहीं सकते
यदि आपने हौसला , हिम्मत ओर दृढ़ विश्वाश है तो संघर्ष करते रहिए , आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है ।
आपको सदा एक नन्हे बीज से सीख लेनी चाहिए जो जमीन के नीचे दफन होने के बाद भी अपने जीवन ओर अस्तित्व के लिए संघर्ष करता है और धरती का सीना चीरकर स्वयं को साबित कर देता है । ठीक वैसे ही आपको स्वयं को साबित करना है
" संघर्ष से ही जीवन है "
बिना संघर्ष के आप अपने जीवन को निखार नहीं सकते
यदि आपने हौसला , हिम्मत ओर दृढ़ विश्वाश है तो संघर्ष करते रहिए , आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है ।
आपको सदा एक नन्हे बीज से सीख लेनी चाहिए जो जमीन के नीचे दफन होने के बाद भी अपने जीवन ओर अस्तित्व के लिए संघर्ष करता है और धरती का सीना चीरकर स्वयं को साबित कर देता है । ठीक वैसे ही आपको स्वयं को साबित करना है
" संघर्ष से ही जीवन है "
बिना संघर्ष के आप अपने जीवन को निखार नहीं सकते
यदि आपने हौसला , हिम्मत ओर दृढ़ विश्वाश है तो संघर्ष करते रहिए , आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है ।
आपको सदा एक नन्हे बीज से सीख लेनी चाहिए जो जमीन के नीचे दफन होने के बाद भी अपने जीवन ओर अस्तित्व के लिए संघर्ष करता है और धरती का सीना चीरकर स्वयं को साबित कर देता है । ठीक वैसे ही आपको स्वयं को साबित करना है
