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डॉ . रोहिणी आचार्य के बारे में झूठ परोस कर भाजपा ने अपनी भद्द पिटवा ली ...
पूरे देश को, पूरे बिहार को , गोदी मीडिया - निष्पक्ष मीडिया - सोशल मीडिया - डिजिटल - यू ट्यूब चैनलों , तमाम न्यूज चैनलों व् बिहार से प्रकाशित होने वाले सभी अखबारों को पता है कि डॉ . रोहिणी आचार्य पिछले एक हफ्ते से बिहार में थीं, लगातार सारण के बाढ़ पीड़ितों के बीच जा कर उन तक राहत - सामग्री पहुँचाया जाना सुनिश्चित कर रहीं थीं और पिछले एक पखवारे से डॉ . आचार्य की अनुपस्थिति में भी उनके निर्देश व् मार्गदर्शन में उनकी टीम रोहिणी मीडिया के द्वारा बाढ़ - राहत व् बचाव कार्यों का सुचारु संचालन छपरा में हो रहा था ..
मीडिया के तमाम माध्यमों पर डॉ . रोहिणी आचार्य के प्रयासों की निरंतर चर्चा भी हो रही थी और प्रशंसा भी .. डॉ . रोहिणी के प्रयास काबिल - ए - तारीफ थे , उनकी कोशिशें सुर्खियां बटोर रहीं थीं और सबों को दिख भी रही थीं , आम लोग कहने लगे थे कि " काश रोहिणी के जैसा दूसरे भी कर पाते , सरकार - सांसदों - विधायकों - नेताओं को रोहिणी से सीखना चाहिए " ..
अफ़सोस की बात तो ये है कि जो पूरी दुनिया को दिखा , जिसकी जम कर प्रशंसा हुई , जिसके बारे में गोदी मीडिया तक के द्वारा ये कहा गया कि " इस साल बिहार में बाढ़ - राहत कार्यों की शुरुआत कर रोहिणी ने ट्रेंड सेट कर दिया" वो झूठ की फैक्ट्री चलाने वाले भाजपाईयों को नहीं दिखा ..
डॉ . रोहिणी आचार्य के ट्विटर हैंडल से उनके निर्देश पर उनकी टीम के द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्यों की तस्वीरें उठा कर "डॉ . रोहिणी आचार्य सिंगापुर से सेटिंग कर रही हैं" ये झूठ पूरी बेशर्मी से बयां तो कर दिया भाजपाईयों ने, मगर उसी ट्विटर हैंडल , सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों - अखबारों में डॉ . रोहिणी आचार्य की पटना में , छपरा - सोनपुर के बाढ़ - ग्रस्त इलाकों में मौजूदगी , उनके द्वारा पहुँचायी जा रही मदद की तस्वीरों - खबरों से बड़ी बेशर्मी से मुँह मोड़ते - छिपाते हुए अपनी पिट चुकी भद्द पर पर्दा डालने की कवायद में जुट गए भाजपाई ..
सच तो ये डॉ . रोहिणी आचार्य जी व् उनकी टीम रोहिणी के द्वारा चलाए जा रहे बाढ़ - राहत कार्यों, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाए गए सामुदायिक किचेन , हेल्थ कैम्प , वस्त्रादि वितरण , अति जरूरतमंदों को दी गयी आर्थिक सहायता , जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराने की खबरों से व् जम कर हुई चर्चा व् प्रशंसा से घबरा गए हैं भाजपाई और बौखलाहट में ऐसा झूठ परोस रहे हैं , जिससे डॉ . आचार्य की जननेत्री की छवि , जनसेवा के प्रति समर्पित राजनीतिज्ञ के तौर पर मिली पहचान को नुकसान पहुँचने की बजाए और फायदा पहुँच रहा है ..
सच क्या है ? ये लगभग पूरा देश , पूरा बिहार जानता / जान रहा है और जो नहीं जान रहे उन्हें भाजपा के द्वारा फैलाये द्वारा झूठ से इस सच का पता चल रहा है कि "बाढ़ - पीड़ितों के लिए डॉ . रोहिणी आचार्य ने क्या - क्या किया" .. झूठ परोसने की अपनी फितरत से लाचार भाजपाईयों ने अपने जाहिलपने को अपनी काबिलियत समझने के चक्कर में "डॉ . रोहिणी आचार्य के जननेत्री होने की ब्रांडिंग पर अपनी मुहर ही लगा दी " ... जाहिलों ने झूठ फ़ैलाने - परोसने की कोशिश तो की मगर दांव उल्टा पड़ गया ..
Rohini Acharya

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डॉ . रोहिणी आचार्य के बारे में झूठ परोस कर भाजपा ने अपनी भद्द पिटवा ली ...
पूरे देश को, पूरे बिहार को , गोदी मीडिया - निष्पक्ष मीडिया - सोशल मीडिया - डिजिटल - यू ट्यूब चैनलों , तमाम न्यूज चैनलों व् बिहार से प्रकाशित होने वाले सभी अखबारों को पता है कि डॉ . रोहिणी आचार्य पिछले एक हफ्ते से बिहार में थीं, लगातार सारण के बाढ़ पीड़ितों के बीच जा कर उन तक राहत - सामग्री पहुँचाया जाना सुनिश्चित कर रहीं थीं और पिछले एक पखवारे से डॉ . आचार्य की अनुपस्थिति में भी उनके निर्देश व् मार्गदर्शन में उनकी टीम रोहिणी मीडिया के द्वारा बाढ़ - राहत व् बचाव कार्यों का सुचारु संचालन छपरा में हो रहा था ..
मीडिया के तमाम माध्यमों पर डॉ . रोहिणी आचार्य के प्रयासों की निरंतर चर्चा भी हो रही थी और प्रशंसा भी .. डॉ . रोहिणी के प्रयास काबिल - ए - तारीफ थे , उनकी कोशिशें सुर्खियां बटोर रहीं थीं और सबों को दिख भी रही थीं , आम लोग कहने लगे थे कि " काश रोहिणी के जैसा दूसरे भी कर पाते , सरकार - सांसदों - विधायकों - नेताओं को रोहिणी से सीखना चाहिए " ..
अफ़सोस की बात तो ये है कि जो पूरी दुनिया को दिखा , जिसकी जम कर प्रशंसा हुई , जिसके बारे में गोदी मीडिया तक के द्वारा ये कहा गया कि " इस साल बिहार में बाढ़ - राहत कार्यों की शुरुआत कर रोहिणी ने ट्रेंड सेट कर दिया" वो झूठ की फैक्ट्री चलाने वाले भाजपाईयों को नहीं दिखा ..
डॉ . रोहिणी आचार्य के ट्विटर हैंडल से उनके निर्देश पर उनकी टीम के द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्यों की तस्वीरें उठा कर "डॉ . रोहिणी आचार्य सिंगापुर से सेटिंग कर रही हैं" ये झूठ पूरी बेशर्मी से बयां तो कर दिया भाजपाईयों ने, मगर उसी ट्विटर हैंडल , सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों - अखबारों में डॉ . रोहिणी आचार्य की पटना में , छपरा - सोनपुर के बाढ़ - ग्रस्त इलाकों में मौजूदगी , उनके द्वारा पहुँचायी जा रही मदद की तस्वीरों - खबरों से बड़ी बेशर्मी से मुँह मोड़ते - छिपाते हुए अपनी पिट चुकी भद्द पर पर्दा डालने की कवायद में जुट गए भाजपाई ..
सच तो ये डॉ . रोहिणी आचार्य जी व् उनकी टीम रोहिणी के द्वारा चलाए जा रहे बाढ़ - राहत कार्यों, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाए गए सामुदायिक किचेन , हेल्थ कैम्प , वस्त्रादि वितरण , अति जरूरतमंदों को दी गयी आर्थिक सहायता , जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराने की खबरों से व् जम कर हुई चर्चा व् प्रशंसा से घबरा गए हैं भाजपाई और बौखलाहट में ऐसा झूठ परोस रहे हैं , जिससे डॉ . आचार्य की जननेत्री की छवि , जनसेवा के प्रति समर्पित राजनीतिज्ञ के तौर पर मिली पहचान को नुकसान पहुँचने की बजाए और फायदा पहुँच रहा है ..
सच क्या है ? ये लगभग पूरा देश , पूरा बिहार जानता / जान रहा है और जो नहीं जान रहे उन्हें भाजपा के द्वारा फैलाये द्वारा झूठ से इस सच का पता चल रहा है कि "बाढ़ - पीड़ितों के लिए डॉ . रोहिणी आचार्य ने क्या - क्या किया" .. झूठ परोसने की अपनी फितरत से लाचार भाजपाईयों ने अपने जाहिलपने को अपनी काबिलियत समझने के चक्कर में "डॉ . रोहिणी आचार्य के जननेत्री होने की ब्रांडिंग पर अपनी मुहर ही लगा दी " ... जाहिलों ने झूठ फ़ैलाने - परोसने की कोशिश तो की मगर दांव उल्टा पड़ गया ..
Rohini Acharya

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डॉ . रोहिणी आचार्य के बारे में झूठ परोस कर भाजपा ने अपनी भद्द पिटवा ली ...
पूरे देश को, पूरे बिहार को , गोदी मीडिया - निष्पक्ष मीडिया - सोशल मीडिया - डिजिटल - यू ट्यूब चैनलों , तमाम न्यूज चैनलों व् बिहार से प्रकाशित होने वाले सभी अखबारों को पता है कि डॉ . रोहिणी आचार्य पिछले एक हफ्ते से बिहार में थीं, लगातार सारण के बाढ़ पीड़ितों के बीच जा कर उन तक राहत - सामग्री पहुँचाया जाना सुनिश्चित कर रहीं थीं और पिछले एक पखवारे से डॉ . आचार्य की अनुपस्थिति में भी उनके निर्देश व् मार्गदर्शन में उनकी टीम रोहिणी मीडिया के द्वारा बाढ़ - राहत व् बचाव कार्यों का सुचारु संचालन छपरा में हो रहा था ..
मीडिया के तमाम माध्यमों पर डॉ . रोहिणी आचार्य के प्रयासों की निरंतर चर्चा भी हो रही थी और प्रशंसा भी .. डॉ . रोहिणी के प्रयास काबिल - ए - तारीफ थे , उनकी कोशिशें सुर्खियां बटोर रहीं थीं और सबों को दिख भी रही थीं , आम लोग कहने लगे थे कि " काश रोहिणी के जैसा दूसरे भी कर पाते , सरकार - सांसदों - विधायकों - नेताओं को रोहिणी से सीखना चाहिए " ..
अफ़सोस की बात तो ये है कि जो पूरी दुनिया को दिखा , जिसकी जम कर प्रशंसा हुई , जिसके बारे में गोदी मीडिया तक के द्वारा ये कहा गया कि " इस साल बिहार में बाढ़ - राहत कार्यों की शुरुआत कर रोहिणी ने ट्रेंड सेट कर दिया" वो झूठ की फैक्ट्री चलाने वाले भाजपाईयों को नहीं दिखा ..
डॉ . रोहिणी आचार्य के ट्विटर हैंडल से उनके निर्देश पर उनकी टीम के द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्यों की तस्वीरें उठा कर "डॉ . रोहिणी आचार्य सिंगापुर से सेटिंग कर रही हैं" ये झूठ पूरी बेशर्मी से बयां तो कर दिया भाजपाईयों ने, मगर उसी ट्विटर हैंडल , सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों - अखबारों में डॉ . रोहिणी आचार्य की पटना में , छपरा - सोनपुर के बाढ़ - ग्रस्त इलाकों में मौजूदगी , उनके द्वारा पहुँचायी जा रही मदद की तस्वीरों - खबरों से बड़ी बेशर्मी से मुँह मोड़ते - छिपाते हुए अपनी पिट चुकी भद्द पर पर्दा डालने की कवायद में जुट गए भाजपाई ..
सच तो ये डॉ . रोहिणी आचार्य जी व् उनकी टीम रोहिणी के द्वारा चलाए जा रहे बाढ़ - राहत कार्यों, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाए गए सामुदायिक किचेन , हेल्थ कैम्प , वस्त्रादि वितरण , अति जरूरतमंदों को दी गयी आर्थिक सहायता , जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराने की खबरों से व् जम कर हुई चर्चा व् प्रशंसा से घबरा गए हैं भाजपाई और बौखलाहट में ऐसा झूठ परोस रहे हैं , जिससे डॉ . आचार्य की जननेत्री की छवि , जनसेवा के प्रति समर्पित राजनीतिज्ञ के तौर पर मिली पहचान को नुकसान पहुँचने की बजाए और फायदा पहुँच रहा है ..
सच क्या है ? ये लगभग पूरा देश , पूरा बिहार जानता / जान रहा है और जो नहीं जान रहे उन्हें भाजपा के द्वारा फैलाये द्वारा झूठ से इस सच का पता चल रहा है कि "बाढ़ - पीड़ितों के लिए डॉ . रोहिणी आचार्य ने क्या - क्या किया" .. झूठ परोसने की अपनी फितरत से लाचार भाजपाईयों ने अपने जाहिलपने को अपनी काबिलियत समझने के चक्कर में "डॉ . रोहिणी आचार्य के जननेत्री होने की ब्रांडिंग पर अपनी मुहर ही लगा दी " ... जाहिलों ने झूठ फ़ैलाने - परोसने की कोशिश तो की मगर दांव उल्टा पड़ गया ..
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डॉ . रोहिणी आचार्य के बारे में झूठ परोस कर भाजपा ने अपनी भद्द पिटवा ली ...
पूरे देश को, पूरे बिहार को , गोदी मीडिया - निष्पक्ष मीडिया - सोशल मीडिया - डिजिटल - यू ट्यूब चैनलों , तमाम न्यूज चैनलों व् बिहार से प्रकाशित होने वाले सभी अखबारों को पता है कि डॉ . रोहिणी आचार्य पिछले एक हफ्ते से बिहार में थीं, लगातार सारण के बाढ़ पीड़ितों के बीच जा कर उन तक राहत - सामग्री पहुँचाया जाना सुनिश्चित कर रहीं थीं और पिछले एक पखवारे से डॉ . आचार्य की अनुपस्थिति में भी उनके निर्देश व् मार्गदर्शन में उनकी टीम रोहिणी मीडिया के द्वारा बाढ़ - राहत व् बचाव कार्यों का सुचारु संचालन छपरा में हो रहा था ..
मीडिया के तमाम माध्यमों पर डॉ . रोहिणी आचार्य के प्रयासों की निरंतर चर्चा भी हो रही थी और प्रशंसा भी .. डॉ . रोहिणी के प्रयास काबिल - ए - तारीफ थे , उनकी कोशिशें सुर्खियां बटोर रहीं थीं और सबों को दिख भी रही थीं , आम लोग कहने लगे थे कि " काश रोहिणी के जैसा दूसरे भी कर पाते , सरकार - सांसदों - विधायकों - नेताओं को रोहिणी से सीखना चाहिए " ..
अफ़सोस की बात तो ये है कि जो पूरी दुनिया को दिखा , जिसकी जम कर प्रशंसा हुई , जिसके बारे में गोदी मीडिया तक के द्वारा ये कहा गया कि " इस साल बिहार में बाढ़ - राहत कार्यों की शुरुआत कर रोहिणी ने ट्रेंड सेट कर दिया" वो झूठ की फैक्ट्री चलाने वाले भाजपाईयों को नहीं दिखा ..
डॉ . रोहिणी आचार्य के ट्विटर हैंडल से उनके निर्देश पर उनकी टीम के द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्यों की तस्वीरें उठा कर "डॉ . रोहिणी आचार्य सिंगापुर से सेटिंग कर रही हैं" ये झूठ पूरी बेशर्मी से बयां तो कर दिया भाजपाईयों ने, मगर उसी ट्विटर हैंडल , सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों - अखबारों में डॉ . रोहिणी आचार्य की पटना में , छपरा - सोनपुर के बाढ़ - ग्रस्त इलाकों में मौजूदगी , उनके द्वारा पहुँचायी जा रही मदद की तस्वीरों - खबरों से बड़ी बेशर्मी से मुँह मोड़ते - छिपाते हुए अपनी पिट चुकी भद्द पर पर्दा डालने की कवायद में जुट गए भाजपाई ..
सच तो ये डॉ . रोहिणी आचार्य जी व् उनकी टीम रोहिणी के द्वारा चलाए जा रहे बाढ़ - राहत कार्यों, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाए गए सामुदायिक किचेन , हेल्थ कैम्प , वस्त्रादि वितरण , अति जरूरतमंदों को दी गयी आर्थिक सहायता , जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराने की खबरों से व् जम कर हुई चर्चा व् प्रशंसा से घबरा गए हैं भाजपाई और बौखलाहट में ऐसा झूठ परोस रहे हैं , जिससे डॉ . आचार्य की जननेत्री की छवि , जनसेवा के प्रति समर्पित राजनीतिज्ञ के तौर पर मिली पहचान को नुकसान पहुँचने की बजाए और फायदा पहुँच रहा है ..
सच क्या है ? ये लगभग पूरा देश , पूरा बिहार जानता / जान रहा है और जो नहीं जान रहे उन्हें भाजपा के द्वारा फैलाये द्वारा झूठ से इस सच का पता चल रहा है कि "बाढ़ - पीड़ितों के लिए डॉ . रोहिणी आचार्य ने क्या - क्या किया" .. झूठ परोसने की अपनी फितरत से लाचार भाजपाईयों ने अपने जाहिलपने को अपनी काबिलियत समझने के चक्कर में "डॉ . रोहिणी आचार्य के जननेत्री होने की ब्रांडिंग पर अपनी मुहर ही लगा दी " ... जाहिलों ने झूठ फ़ैलाने - परोसने की कोशिश तो की मगर दांव उल्टा पड़ गया ..
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डॉ . रोहिणी आचार्य के बारे में झूठ परोस कर भाजपा ने अपनी भद्द पिटवा ली ...
पूरे देश को, पूरे बिहार को , गोदी मीडिया - निष्पक्ष मीडिया - सोशल मीडिया - डिजिटल - यू ट्यूब चैनलों , तमाम न्यूज चैनलों व् बिहार से प्रकाशित होने वाले सभी अखबारों को पता है कि डॉ . रोहिणी आचार्य पिछले एक हफ्ते से बिहार में थीं, लगातार सारण के बाढ़ पीड़ितों के बीच जा कर उन तक राहत - सामग्री पहुँचाया जाना सुनिश्चित कर रहीं थीं और पिछले एक पखवारे से डॉ . आचार्य की अनुपस्थिति में भी उनके निर्देश व् मार्गदर्शन में उनकी टीम रोहिणी मीडिया के द्वारा बाढ़ - राहत व् बचाव कार्यों का सुचारु संचालन छपरा में हो रहा था ..
मीडिया के तमाम माध्यमों पर डॉ . रोहिणी आचार्य के प्रयासों की निरंतर चर्चा भी हो रही थी और प्रशंसा भी .. डॉ . रोहिणी के प्रयास काबिल - ए - तारीफ थे , उनकी कोशिशें सुर्खियां बटोर रहीं थीं और सबों को दिख भी रही थीं , आम लोग कहने लगे थे कि " काश रोहिणी के जैसा दूसरे भी कर पाते , सरकार - सांसदों - विधायकों - नेताओं को रोहिणी से सीखना चाहिए " ..
अफ़सोस की बात तो ये है कि जो पूरी दुनिया को दिखा , जिसकी जम कर प्रशंसा हुई , जिसके बारे में गोदी मीडिया तक के द्वारा ये कहा गया कि " इस साल बिहार में बाढ़ - राहत कार्यों की शुरुआत कर रोहिणी ने ट्रेंड सेट कर दिया" वो झूठ की फैक्ट्री चलाने वाले भाजपाईयों को नहीं दिखा ..
डॉ . रोहिणी आचार्य के ट्विटर हैंडल से उनके निर्देश पर उनकी टीम के द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्यों की तस्वीरें उठा कर "डॉ . रोहिणी आचार्य सिंगापुर से सेटिंग कर रही हैं" ये झूठ पूरी बेशर्मी से बयां तो कर दिया भाजपाईयों ने, मगर उसी ट्विटर हैंडल , सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों - अखबारों में डॉ . रोहिणी आचार्य की पटना में , छपरा - सोनपुर के बाढ़ - ग्रस्त इलाकों में मौजूदगी , उनके द्वारा पहुँचायी जा रही मदद की तस्वीरों - खबरों से बड़ी बेशर्मी से मुँह मोड़ते - छिपाते हुए अपनी पिट चुकी भद्द पर पर्दा डालने की कवायद में जुट गए भाजपाई ..
सच तो ये डॉ . रोहिणी आचार्य जी व् उनकी टीम रोहिणी के द्वारा चलाए जा रहे बाढ़ - राहत कार्यों, बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाए गए सामुदायिक किचेन , हेल्थ कैम्प , वस्त्रादि वितरण , अति जरूरतमंदों को दी गयी आर्थिक सहायता , जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराने की खबरों से व् जम कर हुई चर्चा व् प्रशंसा से घबरा गए हैं भाजपाई और बौखलाहट में ऐसा झूठ परोस रहे हैं , जिससे डॉ . आचार्य की जननेत्री की छवि , जनसेवा के प्रति समर्पित राजनीतिज्ञ के तौर पर मिली पहचान को नुकसान पहुँचने की बजाए और फायदा पहुँच रहा है ..
सच क्या है ? ये लगभग पूरा देश , पूरा बिहार जानता / जान रहा है और जो नहीं जान रहे उन्हें भाजपा के द्वारा फैलाये द्वारा झूठ से इस सच का पता चल रहा है कि "बाढ़ - पीड़ितों के लिए डॉ . रोहिणी आचार्य ने क्या - क्या किया" .. झूठ परोसने की अपनी फितरत से लाचार भाजपाईयों ने अपने जाहिलपने को अपनी काबिलियत समझने के चक्कर में "डॉ . रोहिणी आचार्य के जननेत्री होने की ब्रांडिंग पर अपनी मुहर ही लगा दी " ... जाहिलों ने झूठ फ़ैलाने - परोसने की कोशिश तो की मगर दांव उल्टा पड़ गया ..
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