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आज जीवन का एक और बेहतरीन वर्ष कम हो गया ,यहाँ तक चलते चलते पता ही नहीं चला कब हम ज़िंदगी के इस पड़ाव पर पहुँच गए , कब हम बच्चे थे कैसे विद्यार्थी जीवन निकला कब शादी हुए कब बच्चे और कब बच्चे भी हमारे कंधे के बराबर हो गए , जीवन के इस खट्टे मीठे सफ़र में कभी ख़ुशी कभी ग़म मिलता रहा फिर भी ये सफ़र अपनी रफ़्तार से चलता रहा , चलते चलते इस सफ़र में बहुत सारे लोगों से मिलना हुआ किस से प्यार मिला तो किसी से सीख किसी ने ठुकराया तो किसी ने अपनाया सब का बहुत- बहुत धन्यवाद ये सब इस ज़िंदगी के लिए ज़रूरी है । सुप्रभात दोस्तों 🌹🙏🌹