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अति प्राचीन बाबा बैद्यनाथ मंदिर का स्वर्ण कलश, पंचशूल भगवान शिव के पंच रूप रुद्र अवतार हैं

दर्शन मात्र से पुण्य की प्राप्ति,पाप का नाश,कष्ट मिट जाते है और अजय की प्राप्ति होती हैं , ये पंचशूल साल में एक बार शिवरात्रि में नीचे लाया जाता है, फिर पंचशूल की विधि विधान से पूजा अर्चना मन्त्रो के साथ अभिषेक की जाती है,वो भी एक विशेष प्रक्रिया से

जय रावणेश्वर बाबा बैद्यनाथ धाम!

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