2 ans - Traduire

कल द केरल स्टोरी देखा, कहानी सब जानते है तो बताने की आवश्यकता नहीं है, अदाकारी अदा शर्मा ने बेहतरीन किया है, सबकों यह फिल्म देखनी चाहिए , फिल्म A certificate है तो अठारह वर्ष से अधिक आयु के ही देख सकते है। फिल्म अपना संदेश देनें में सफल रही अब हिन्दू माता पिता इसको कितना और कैसे ग्रहण कर पाते है यह तो समय ही बतायेगा।
फिल्म मे एक स्थान पर एक नायिका अपने कम्युनिस्ट माता पिता को कोसती है कि उन्होंने उसको उसके धर्म के बारे में नहीं बताया, यह बात हम सबके लिये एक संदेश है , हर माता पिता के लिये संदेश है।
फिल्म समाप्ति पर थियेटर में बैठी एक बच्ची फफक फफक कर रोते हूये जय श्रीराम और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ जोर जोर से रोने लगी, और फिर थियेटर में बैठे लोगों की आँखें भी भर आई..।
फिल्म के अंत में स्क्रीन पर लिख कर जो बाते आती है वह फिल्म में दिखाये गये घटना से अधिक पीड़ा दायक है कि इस पूरे घटनाक्रम के आरोपी आज भी स्वतंत्र घुम रहे है और अपने परिवार के साथ मजे में है, विचार किजिए हम कह खड़े है , और एक भारतीय को इस्लाम और उसकी हैवानियत , पशुता के अब भी कोई प्रमाण चाहिए तो भाई धिक्कार है तुमपर और तुम्हारे माता पिता पर और उनके पालन पोषण पर, क्योंकि इस्लाम ने विश्व में सबसे अधिक बर्बरता भारत के साथ ही किया है और कर रहा है और आज भी यदि आप प्रमाण मांगें तो फिर उनको क्या ही कहा जाय..।
ऐसी फिल्में लगातार बनते रहनी चाहिए , और अगले दस बारह वर्ष तक बनते ही रहनी चाहिए , इस्लामिक पशुता के कहानियों से भारतीय इतिहास भरा पड़ा है।

image