2 Jahre - übersetzen

अपने को ( हिन्दू ) और उनको ( मुसलमानों ) समझने के लिए इससे सरल शब्दों में नहीं समझा जा सकता.
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आज मैंने the karela story देखी।
इस विषय पर परिचर्चा कि बाढ़ सी आ गई है। होनी भी चाहिये।
यूटयूब पर व्याख्या दी जा रही है।
जो कि स्वस्थ है।
लेकिन मेरा मानना है कि सेमेटिक रीलजन इस्लाम, ईसाइयत और हिंदू धर्म मे मतभेद धर्म से अधिक मौलिक सिद्धांत का है।
हिंदू धर्म व्यक्ति को एक individual unit के रूप में देखता है। सेमेटिक मजहब व्यक्ति के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता, उसे community यानी कौम के रूप में देखता है।
Community कभी भी जीवन मूल्यों की बात नहीं करती है। वह किसी व्यक्ति के गुण दोष को नहीं देखती है।
कोई उस समुदाय में है तो सभी दोषों के बाद भी श्रेष्ठ है। क्योंकि यह आदेश खुदा का है।
जो उस समुदाय से बाहर है। उसके पास कितने भी महान गुण क्यों न हो लेकिन वह निम्नतर है। उसे काफ़िर करार दे दिया जाता है।
हिंदू धर्म इसके विरुद्घ बात करता है। वह व्यक्ति पर जोर दे रहा है।
यदि कोई व्यक्ति हिंदू है। लेकिन उसके आचरण बुरे है तो उसे श्रेष्ठ नहीं कहा जा सकता है।
यदि कोई व्यक्ति हिंदू नहीं भी है। तो भी उसके आचरण अच्छे है तो श्रेष्ठ है।
हिंदू धर्म इससे भी सूक्ष्म धरातल पर जाता है। वह व्यक्ति को भी खंडित करता है।
यदि किसी व्यक्ति के पाँच गुण अच्छे है और तीन गुण बुरे है। तो आप उन पाँच गुणों का